अभी तक इस ब्लॉग को देखने वालों की संख्या: इनमे से एक आप हैं। धन्यवाद आपका।

यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 7 फ़रवरी 2018

मने बथ:(मन की बात) केदार पीड़िता



ये जीवना आग मा,
क्या लिख्युं च भाग मा। 
मिन नी जाणी !!!
तुमुन नी जाणी !!! 


मुठ्ठी बोटी की राखी मिन।  
राँकू सी जिकुड़ी राखी मिन। 
आँसू मिन नी बगण देयी…
हिम्मत बांधी राखी मिन।   
साथ नी छौ हमरु भाग मा।  
मिन नी जाणी !!!
तुमुन नी जाणी !!!



अफुते,तुम बणे की राखी मिन। 
बच्चों ते कमी नी राखी मिन।     
पाड़ दुखो कू त टूटी हमपर,
पर अफु ते,अटूट राखी मिन।
माँ ही रैली बच्चों का भाग मा,
मिन नी जाणी !!!
तुमुन नी जाणी !!!





यू दिन कणके गुजारी मिन।  
मन ही मन मां रुएकि मिन।  
मजबूत बणी की रयुं सदनि, 
अफु ही अफु ते संभाली मिन। 
यन अनोणी हुएजाली केदार मा,  
मिन नी जाणी !!!
तुमुन नी जाणी !!!



(हिंदी अनुवाद )

(इस जीवन की आग में,
लिखा क्या है भाग्य में,
मैंने नहीं जाना,
तुमने नहीं जाना।  )   


(मुठ्ठी बंद रखी मैंने,
सुलगते अँगारों सा दिल रखा मैंने,
आँसू मैंने बहने नहीं दिए,
हिम्मत बाँध के रखी मैंने। 
साथ नहीं था हमारे भाग्य में,
मैंने नहीं जाना,
तुमने नहीं जाना।  )   
      

(अपनेआप को तुम बन लिया मैंने,
बच्चों को कोई कमी नहीं की मैंने,
पहाड़ दुखों का तो टूटा है हम पर,
पर खुद को अटूट रखा मैंने,
माँ ही रहेगी बच्चों के भाग्य में,      
मैंने नहीं जाना,
तुमने नहीं जाना। )    

 (ये दिन कैसे गुजारे मैंने,
मन ही मन में रोके मैंने,
मजबूत बन के रही सदा ही,
खुद ही खुद को सम्भाला मैंने,
ऐसी अनहोनी हो जाएगी केदार में,           
मैंने नहीं जाना,
तुमने नहीं जाना।  )   

           -अतुल'अक्स'

सफल पति का सच



बरसोगी मुझपर टूट कर हाय! जब ये कहती हो तुम,
समझा मतलब,जब गुस्से में बादल सी फटती हो तुम।

सुन्दर लगती हूँ न, पूछती हो जब भी सजधजके तुम,
मुस्कुराता हूँ बस हौले से मैं, कैसे कहूँ के झूठी हो तुम।

सारी ही सेविंग डूबी मेरी, बस एक तरक्की पर हो तुम,
मैं गिरा पड़ा रूपये सा, बिटकॉइन सी उड़ती हो तुम।

सो ही नहीं पाता मैं, रातों को बैठा रहता हूँ गुमसुम,
बचती नहीं जगह सोने की, पास जब सोती हो तुम।

आ ही नहीं पाती हो अक्सर, बाहों के घेरे में मेरे तुम,
बाहें ही हो गयी होंगी छोटी, कैसे कहूँ के मोटी हो तुम।

ये पति नहीं हूँ मैं 'अक्स' और हाँ! ये बीवी नहीं हो तुम,
शायर कोई और है इसका किसी और का है ये तरन्नुम।
      -अक्स