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शुक्रवार, 13 मार्च 2015

मेरु आखिरी वखत

मैते पता च माँ मेरी, 
आज त्वेते बतौणू छौं।   
मेरा आखिरी वखत मा मिन नी रोण,
मेरा आँखोन  कोई  आंसू नी बगोण। 
मैते जथा मिली, 
जू भी मिली, 
वू भोत छौ,
दुःखे रात भी छे त सुखो घाम भी छौ। 
मिन अफ्फु ते पछाण ल्याई। 
अफ्फु ही अफ्फु ते जाण ल्याई। 
मेरी हँसी मेरी ख़ुशी,
मेरा सुख, मेरा दुःख,
सब मेरी सोच मा ही छे।
मेरा हर वखत मा,
तू मेरा काख मा ही छे।    
अर आखिरी वखत रोण किले ???
ये शरीर त खारु ही छौ,
यू खारु ही हुएजालू,
पर 
मैते पता च माँ मेरी, 
आज त्वेते बतौणू छौं।   
मेरी आत्मा सदानि,
चम्म चमकती रेली। 
                 -अतुल सती 'अक्स'

गुरुवार, 12 मार्च 2015

आप आप , तू तू , मैं मैं !!!

सुणा  सुणा !!!
ट्रिंग ट्रिंग !!!
स्टिंग, वालों कू हुएगी स्टिंग !!!

मेरु मेरु !!! 
तेरु तेरु !!! 
गहरु, सच्चों कू झूठ बडू च गहरु !!!     

सच सच !!!
झूठ झूठ !!!
लूट, मची च यख केवल लूट !!!

पकड़ा पकड़ा !!!
चोर चोर !!!
घोर, चोरुं कु अड्डा बण्यूं च घोर !!!

बोल बोल !!!
खोल खोल !!!
पोल, खोल देन मीन सब्बि की पोल !!!

मंगलवार, 10 मार्च 2015

मेरा सच

अच्छा सुनो!!!
अगर 
कोई जन्नत न हुई?
कोई मोक्ष न हुआ तो?
कोई नरक न हुआ?
कोई क़यामत ही न हुई तो?
कोई पैगम्बर न हुआ, 
कोई अवतार न हुआ?
सब झूठ ही हुआ तो?

मरने पर जो सुना है,
वो कुछ भी न हुआ तो?
जिसकी मज़ार पर बैठे हो,
उसमे वो पीर ही न हुआ तो?
जिस पथ्थर को पूजा,
वो बस पथ्थर ही हुआ,
कोई खुदा ही न हुआ तो?
कल ये करोगे, वो करोगे?
जो कल को तुम ही न हुए,
या कोई कल ही न हुआ तो? 



आज जो है अभी जो है,
बस वही सच है,
वही सही है,
सच यही है,
वो ....... 
वो तू है,
तू ही तो वही है,
कहीं बाकी सब झूठ,
और केवल यही सच हुआ तो?  

सोमवार, 9 मार्च 2015

अजब गज़ब अनोखी होड़।


टूटम टूट फोड़म फोड़। 
दिमाग की सुन दिल को छोड़। 
दिल अपना बचा दूजे का तोड़। 
बातों को बस तोड़ मरोड़।      
अजब गज़ब अनोखी होड़। 
भागम भाग  दौड़म दौड़। 
आगे दौड़ सब पीछे छोड़। 
मौत की जीवन से है दौड़।  
या जीवन की मौत तक दौड़?
अजब गज़ब अनोखी होड़।  
अजब गज़ब अनोखी होड़।   

               -अतुल सती 'अक्स'