अच्छा सुनो!!!
अगर
कोई जन्नत न हुई?
कोई मोक्ष न हुआ तो?
कोई नरक न हुआ?
कोई क़यामत ही न हुई तो?
कोई पैगम्बर न हुआ,
कोई अवतार न हुआ?
सब झूठ ही हुआ तो?
मरने पर जो सुना है,
वो कुछ भी न हुआ तो?
जिसकी मज़ार पर बैठे हो,
उसमे वो पीर ही न हुआ तो?
जिस पथ्थर को पूजा,
वो बस पथ्थर ही हुआ,
कोई खुदा ही न हुआ तो?
कल ये करोगे, वो करोगे?
जो कल को तुम ही न हुए,
या कोई कल ही न हुआ तो?
आज जो है अभी जो है,
बस वही सच है,
वही सही है,
सच यही है,
वो .......
वो तू है,
तू ही तो वही है,
कहीं बाकी सब झूठ,
और केवल यही सच हुआ तो?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें