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शुक्रवार, 13 मार्च 2015

मेरु आखिरी वखत

मैते पता च माँ मेरी, 
आज त्वेते बतौणू छौं।   
मेरा आखिरी वखत मा मिन नी रोण,
मेरा आँखोन  कोई  आंसू नी बगोण। 
मैते जथा मिली, 
जू भी मिली, 
वू भोत छौ,
दुःखे रात भी छे त सुखो घाम भी छौ। 
मिन अफ्फु ते पछाण ल्याई। 
अफ्फु ही अफ्फु ते जाण ल्याई। 
मेरी हँसी मेरी ख़ुशी,
मेरा सुख, मेरा दुःख,
सब मेरी सोच मा ही छे।
मेरा हर वखत मा,
तू मेरा काख मा ही छे।    
अर आखिरी वखत रोण किले ???
ये शरीर त खारु ही छौ,
यू खारु ही हुएजालू,
पर 
मैते पता च माँ मेरी, 
आज त्वेते बतौणू छौं।   
मेरी आत्मा सदानि,
चम्म चमकती रेली। 
                 -अतुल सती 'अक्स'

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