पति ऑफिस जाने ही वाला था कि तभी पत्नी का फोन बजने लगा। फोन पत्नी की माँ का था।
पत्नी ने फोन उठाया और बात करने लगी।
" हाँ माँ !!!
अरे बहुत काम पड़ा हुआ है, सांस लेने की फुर्सत ही नहीं है। हाँ हाँ ये बस अभी निकल ही रहे हैं ऑफिस के लिए। "
शाम हो चुकी है और पति वापस घर आ चुका है,
" हाँ माँ !!!
अरे बहुत काम पड़ा हुआ है, सांस लेने की फुर्सत ही नहीं है। हाँ हाँ ये बस अभी आ ही रहे हैं ऑफिस से। चलो फिर किसी दिन फुर्सत से बात करेंगे। अच्छा बाय !"
माँ ने सोचा "बेचारी कितना परेशान है, हमेशा बेचारी का काम छूट ही जाता है, कितना ज्यादा काम है। कल इससे मैं काम के बारे जरूर बात करुँगी जब इसकी ननद की सास की देवरानी की बहु की माँ और उसकी जेठानी की बहन की बेटी की खटपट का चटपटा किस्सा सुनूँगी। "
note: "ये काल्पनिक कथा है इसका आपके जीवन के किसी भी व्यक्ति से कोई सम्बन्ध नहीं है, और अगर कोई सम्बन्ध पाया भी जाता है तो ये मात्र एक संयोग होगा।