काश!!! दूसरों की बेमानी पर,
हम जान कर अन्जान न होते।
माना कि सब ईमानदार नहीं हैं,
पर अगर ये कुछ बेईमान न होते,
तो हम यूँ कतारों में लगे लगे,
हैरान न होते,यूँ परेशान न होते।
काश!!! दूसरों की बेमानी पर,
हम जान कर अन्जान न होते।
इस ब्लॉग में शामिल हैं मेरे यानी कि अतुल सती अक्स द्वारा रचित कवितायेँ, कहानियाँ, संस्मरण, विचार, चर्चा इत्यादि। जो भी कुछ मैं महसूस करता हूँ विभिन्न घटनाओं द्वारा, जो भी अनुभूती हैं उन्हें उकेरने का प्रयास करता हूँ। उत्तराखंड से होने की वजह से उत्तराखंडी भाषा खास तौर पर गढ़वाली भाषा का भी प्रयोग करता हूँ अपने इस ब्लॉग में। आप भी आन्नद लीजिये अक्स की बातें... का।
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