अफरातफरी बदहवासी में,
वो कह रहे हैं कि हम शांति चाहते हैं,
जो खुद ही दंगे करा रहे हैं।
दुश्मन छाती पर चढ़ आया है,
वो कह रहे हैं मुहँतोड़ जवाब दिया जायेगा,
जो असल में मुहँ छुपा रहे हैं।
स्त्री सशक्तिकरण होगा,
वो कह रहे हैं स्त्री सम्मान सर्वोपर्रि है,
जो शहर में कोठे चला रहे हैं।
देश फिर होगा सोने की चिड़िया,
वो कह रहें हैं गरीबी, बेरोजगारी मिटाएँगे,
जो विदेशी खाते छुपा रहे हैं।
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