रेत कितनी भी कसलो,
हाथ कुछ नहीं रहता।
सच केवल आज है,कल का सच,
सच नहीं रहता।
आज मिल लो, कुछ कह लो,
कुछ सुन लो,
जो गुजर गया पल,
वो फिर वही नहीं रहता।
कभी तो मिलेंगे हम,
ये हो तो सकता है,
पर फिर जो पल आज है,
वो कल नहीं रहता।
आइना सच कहता होगा,
कहता रहे,
मेरा आज वाला चेहरा,
कभी कल नहीं रहता।
तुम कभी मिलोगे,
तो बतियांगे उस कभी में,
मेरे पास आज ही रहता है,
मेरे पास वो "कभी", नहीं रहता।
मुहब्बत है तुमसे बेपनाह,
अभी बता दे रहा हूँ।
आज ही वक़्त है 'अक्स' मेरे पास,
कल के लिए कभी,
मेरे पास कभी वक़्त नहीं रहता।
-अतुल सती 'अक्स
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