अक्स की बातें...
इस ब्लॉग में शामिल हैं मेरे यानी कि अतुल सती अक्स द्वारा रचित कवितायेँ, कहानियाँ, संस्मरण, विचार, चर्चा इत्यादि। जो भी कुछ मैं महसूस करता हूँ विभिन्न घटनाओं द्वारा, जो भी अनुभूती हैं उन्हें उकेरने का प्रयास करता हूँ। उत्तराखंड से होने की वजह से उत्तराखंडी भाषा खास तौर पर गढ़वाली भाषा का भी प्रयोग करता हूँ अपने इस ब्लॉग में। आप भी आन्नद लीजिये अक्स की बातें... का।
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बुधवार, 25 मई 2022
पहाड़
मंगलवार, 24 मई 2022
मैं कपास की बाती
गुरुवार, 11 जून 2020
माया
मेरा गौला भिटै क़ी, वू कैकी खुद मिटौणि छै?
देखिकी मैते मन ही मन, वू कैते धै लगौणि छै?
नौ त नि च् मेरु लिख्युं, कॉपी का कै भि पन्ना मा,
क्य अजब कथा च् तू, या क्य गज़ब कथाकार छै,
- अक्स
मंगलवार, 15 अक्तूबर 2019
गढ़ कुमौं
बुधवार, 14 अगस्त 2019
लघु कथा: एक छोटी सी बात - अक्स
गुरुवार, 1 अगस्त 2019
खाली हाथ
शुक्रवार, 24 अगस्त 2018
बलात्कार से बचाव के रास्ते
बिना कपड़ों के घर से बाहर न जाएँ: कुछ मर्द इससे उत्तेजित हो जाते हैं।
कपड़ों के साथ घर से बाहर न जाएँ: कुछ मर्द इससे भी उत्तेजित हो जाते हैं।
जल्दी शादी कर न करें : कुछ मर्दों को शादीशुदा लड़कियां उत्तेजित करती हैं।
देर में शादी न करें : कुछ मर्दों को कुंवारी लड़कियां उत्तेजित करती हैं।
अकेली बाहर न जाएं: पुरुष अकेली स्त्री की तरफ अधिक आकर्षित होते हैं।
सहेली संग ले के न चलें : कुछ मर्दों को लड़कियों की संख्या उत्तेजित करती हैं।
किसी पुरुष मित्र के साथ बाहर न जायें: वो खुद ही आपका बलात्कार कर सकता है।
दिन के उजाले में न जाएं: दिन के उजाले में आपका पूरा शरीर नज़र आता है जो कि पुरुषों को उत्तेजित कर सकता है।
अँधेरे में न जाएँ : अँधेरे में पुरुष हैवान हो जाते हैं।
घर से बहार न निकलें: घर से बाहर तो खतरा है ही। कोई भी पुरुष आपको अपनी वासना का शिकार बना सकता है।
घर पर न रहे: मर्द रिश्तेदार, अड़ोसी पड़ोसी बलात्कार कर सकते हैं
जन्म ही न लें : --------शायद तब ही नारी बलात्कार से बच पायेगी। पर तब नारी, नारी कहाँ रह पायेगी ?
है कोई उपाय बचने का? क्योंकि गलती तो लड़कों से हो ही जाती है। संभालना तो लड़कियों को ही पड़ेगा।
-अक्स
गुरुवार, 23 अगस्त 2018
लघु कथा: बहन का प्यार।
राजेश हमेशा की ही तरह हर वीकेंड पर घर का कुछ न कुछ(सारा) काम करता ही रहता था। उसकी पत्नी श्वेता भी उसका खूब साथ देती थी(मॉनिटरिंग)। एक ऐसे ही दिन श्वेता की भाभी का वीडियो काल आया और वो बातें करने लगी दोनों से।
मजाक मजाक में भाभी ने पूछा "अरे! श्वेता तुम जवैं जी से काम करवा रही हो?"
इथा सुनते ही राजेश ने अपना दुखड़ा रोया कि उसे भाँडे भी मंजाने पड़ते हैं, झाड़ू पौछा भी करना पड़ता है बल।
ये सुनते ही श्वेता ने फ़ोन काट दिया और डांटते हुए बोली "तुम्हारु बरमंड कच्च करे की कचै देलु। तुम्हारा दिमाग खराब है जो ये सब भाभी को बता रहे हो? अब बौ(भाभी) मेरे बेचारे भैजी से भी घर का काम करवाएगी। वो बेचारा वीकेंड पर भी आराम नहीं कर पायेगा। तुम भी न...."
ऐसा होता है बहन का प्यार। वो हर पल अपने भाई की चिंता में होती है। रक्षाबंधन की शुभकामनाएं।
-अक्स