माँ हे, माँ मेरी !!!
खुद लगी च तेरी।
खुखली मा अपरी,
फिर मैते सुले दे,
घघूती बसूदी खिले दे।
यख त, जीवन मा, सब धणी अलझी गे,
नातों का, धगुलों मा, यख कण गेड़ पड़ी गे,
तू फिर से गेड़ खोली की ,
सब धणी सुलझे दे।
ई दुनिया, की बथ, मेरा समझ नि आंदी,
लाटे की, सार बल, लाटे की ब्वेही जणदी,
तू फिर मैते गौला भेटेकी,
सब धणी बिंगैदे।
यख त जीवन मा, सब धणी फूकेगे,
ये खारन, तन मन सब तातु करीली,
तू फिर फूँक मारिकी,
सब धणी ठण्डु करदे।
माँ हे माँ मेरी !!!
एक बार फिर मैते,
घघूती बसूदी खिले दे,
खुखली मा अपरी,
मैते फिर से सुले दे।
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