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मंगलवार, 3 जनवरी 2017

आप मेरी जगह होते तो क्या करते?


कल मैं एक मंदिर के आगे से गुजर रहा था प्रणाम करने के लिए जैसे ही सर झुकाया तो देखा कि एक लड़की(युवती) एकदम झीने से स्लीवलेस टॉप में और बहुत छोटे नेकर में मंदिर आयी हुई थी। एकदम गौर वर्ण की सुंदरी साक्षात् अप्सरा जैसी लग रही थी। मैं मुख से याद तो भगवान को कर रहा था लेकिन मन ही मन उस लड़की के अंग प्रत्यंग देख रहा था।
बल की खूबसूरत थी वो। लेकिन उसको देखने के चक्कर में भगवान की मूर्ति की ओर देख ही नहीं पाया। मन लगा कर, ध्यान लगा कर पूजा कर ही नहीं पाया।  
अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि
१) क्या इसमें कोई गलत बात है?
२) क्या इस घटना में किसी की गलती है?
२)और है तो गलती किसकी है?
३) और क्या गलती है?
४) और अगर आप मेरी जगह होते तो आप क्या करते?
 
अच्छा जवाब वो देना जो दिल कहे, मन कहे, दिमाग से कुछ कमेंट मत लिखना। अपना सच तो आप भी जानते ही होंगे।      

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