ज़िन्दगी! ए ज़िन्दगी!
सुन ज़िन्दगी!
मेरी ज़िन्दगी!
मत खेल मेरे,
जज्बात से तू,
खफा जो हुआ तो,
तुझे भी मैं छोडूं
---------------------ज़िन्दगी! ए ज़िन्दगी!
किसी मोड़ पर तो,
मिल तो, मुझे तू,
कुछ मेरी सुन,
कुछ अपनी सुना तू,
-----------------------ज़ि न्दगी! ए ज़िन्दगी!
ये किस बज़्म में,
ले के आ गयी तू,
यहाँ सब मुझको,
लगे अजनबी क्यूँ,
-------------------ज़िन्दगी! ए ज़िन्दगी!
तबाह जो हुआ मैं,
तो,होगी तबाह तू,
तू फिर से शुरू हो,
या ख़त्म ही हो तू,
------------------ज़िन्दगी! ए ज़िन्दगी!
-अतुल'अक्स'
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें