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मंगलवार, 17 जनवरी 2017

कुछ गिले कुछ शिकवे ज़िन्दगी से



ज़िन्दगी! ए ज़िन्दगी! 
सुन ज़िन्दगी!   
मेरी ज़िन्दगी! 

मत खेल मेरे,
जज्बात से तू,
खफा जो हुआ तो,
तुझे भी मैं छोडूं 
---------------------ज़िन्दगी! ए ज़िन्दगी! 

किसी मोड़ पर तो,
मिल तो, मुझे तू,
कुछ मेरी सुन, 
कुछ अपनी सुना तू,
 -----------------------ज़िन्दगी! ए ज़िन्दगी!
 
ये किस बज़्म में,
ले के आ गयी तू,
यहाँ सब मुझको,
लगे अजनबी क्यूँ, 
-------------------ज़िन्दगी! ए ज़िन्दगी!  

तबाह जो हुआ मैं,
तो,होगी तबाह तू, 
तू फिर से शुरू हो,
या ख़त्म ही हो तू,
------------------ज़िन्दगी! ए ज़िन्दगी! 
                                                        -अतुल'अक्स'

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