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सोमवार, 1 अगस्त 2016

मैं अर मेरू जोगी

हे माँ !!!
अब मैते जाण दे, 
मैते मेरू जोगी बुलौणू च। 
वू बैठयूँ च भस्म लगे की, 
अपरी मस्त धूनी रमैं की, 
मिन भी अब भस्म लगे ली माँ, 
मिन भी अब धूनी रमें ली माँ, 
अब मी उड़न लग्यूँ च,
ये आसमान मा, 
हे माँ मेरी!!!
मिन अब अफ्फू ते पै ली,
मैते मेरु 'अक्स' दिखेगी,
जाण दे हे माँ मैते अब, 
हे माँ अब मैते जाण दे, 
मैते मेरू जोगी बुलौणू च। 

-अतुल सती '‪#‎अक्स‬'

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