भैजी भुल्ला की बथ:(मोदी अर उत्तराखंड)
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"भैजी भैजी !!! मी भि आज गयुं छौं मोदी जी ते सुणनो, तुम किले नि आये बल?" भुल्ला अपनी साँसों को संभालते हुए बोल रहा था।
भैजी : क्या बोला बल मोदी जी ने? चाहिए की नहीं चाहिए? होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए?
भैजी: " अरे वाह !!! यु त भिजाम सुंदर बथ च। पर सिरोबगड़ जन रगड़ भगड़ ते कणके रोकला? पाणी बल पहाड़ का डाम पर डाम बणेकी रुका हुआ ही है, जु यु डामन डमयान छन हम जु यु टाइमबम च हमारा मुण्ड मा वेका बारा मा भी कुछ बोली क्या कैन मोदी जी थें?
जवान जु अगर रूक्यां छन कुई पहाड़ पर, उनको तो बल "डेनिस" "भांग" और "गाँजा" उगा कर तो सरकार काम ला ही रहे हैं। पहाड़ का पानी और पहाड़ का जवानी डेनिस को पीने के काम आ रही है, ये भी बताया किसी ने उन्हें बल?
गड्डा खोदने को बिहारी हैं, हम पहाड़ी कहाँ काम करते हैं? बोझा ढोने को बल डुटियाल हैं यहाँ, पर्यटन के लिए बाहर के भू माफिया हैं, दूकान-बिज़नस के लिए देसी हैं, उत्तराखंड के विकास के लिए उत्तराखंडी कहाँ से लाएंगे? वो तो बल दिल्ली सजा रहे हैं, मुम्बई सजा रहे हैं, देस सजा रहे हैं विदेश सजा रहे हैं। प्रवासी हैं, NRU (नॉन रेजिडेंट ऑफ़ उत्तराखंड) हैं। उत्तराखंड के विकास के लिए उत्तराखंडी कहाँ से लाएंगे? ये भी बताया बल किसी ने मोदी जी को।
बल ५-५ सांसद भेजे उन्हें उनमे से किसी ने तो बोला होगा? उत्तराखंड में उत्तराखंडी कहाँ हैं बल? जो हैं वो पहाड़ी कहाँ हैं बल, और जो पहाड़ी भी हैं तो वो भी त बल देस जाने की फ़िराक में हैं बल "
भुल्ला: बथ तो सही बोली बल भैजी तुमुन। यख उत्तराखंड मा उत्तराखंडी कहाँ से लाएंगे? अपरा जगदम्बा चमोला जीन भालू ही बोली छौ " जु छन वु उंद गया छन, यख सुख्यां मुंगरौट रयां छन"
दिव्या रावत जन काम करना पड़ेगा, शेखर पाठक जैसा असकोट-आराकोट ( पहाड़ ) करना पड़ेगा क्या? कर्नल कोठियाल जैसा कुछ करना पड़ेगा क्या?
माधोसिंह भंडारी बन के खुद ही कूल खोदनी पड़ेगी क्या? मतलब मैं भङ्गलु नहीं उगाऊँ? डेनिस न पिलाऊँ?
वो रावत भैजी नाराज़ हो जायेंगे, अर अगर मोदी भैजी की बात नहीं मानूँ तो मोदी नाराज़ हो जायेंगे।
बोला भै !!!तब क्या कारला भैजी?
"अरे भुल्ला हम लोग न ग्यों छन, अर राजनीतिक पार्टी चक्का। पिसना त हमको ही ठैरा बल।"
https://atulsati.blogspot.in/2016/12/blog-post_27.html
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