---------मानव सभ्यताएं और उसकी मान्यताएं----------
प्रथम घटना:(कुछ साल पहले, अार्यवृत देश के एक छोटे से गाँव में)
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एक गाँव था जहाँ १० लोग रहते थे। उस गाँव में एक पेड़ था। उन १० में से १ व्यक्ति ने पेड़ पर चढ़ने की कोशिश की तो अचानक से बिजली कड़की और बहुत तेज़ बारिश होने लगी। उनके जीवन में पहली बार बारिश हो रही थी। बारिश के दौरान ही बाकी ९ लोगों ने उस व्यक्ति को मारना शुरू कर दिया जो पेड़ पर चढ़ा था। और कुछ देर बाद बारिश रुक गयी। उनकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि हुआ क्या? क्यों बारिश हुई? क्यों रुक गयी? उस आदमी को इसीलिए मार क्यूंकि सिर्फ वही वो काम कर रहा था जो कि बाकी ९ लोगों से अलग था।
द्वितीय घटना:
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अब एक दिन एक और व्यक्ति ने उस पेड़ पर चढ़ने की कोशिश की। उसको चढ़ता देख प्रथम प्रयास करने वाले व्यक्ति ने जो कि तब से खुन्नस खाया हुआ था उसे धर दबोचा और मारने लगा उसकी देखा देखी बाकी लोग भी उसको मारने लगे। उन्हें डर था की कहीं इस बार भी बिजली न कड़के और कहीं बारिश ना हो।
तृतीय- दशम घटना:
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इस तरह से हर बार जब भी कोई पेड़ पर चढ़ने की कोशिह्स करता तो सब के सब मिल कर पेड़ पर चढ़ने वाले को धर दबोचते और बहुत ही बुरी तरह पिटाई करते। मजेदार बात ये थी कि हर कोई एक बार प्रयास जरूर करता था पेड़ पर चढ़ने की। लेकिन मार भी जरूर खाता था। उनका ये मानना था कि पेड़ पर चढ़ने से बिजली कड़कती है और बारिश होती है।
एकादश घटना:
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अब एक व्यक्ति वो गाँव छोड़ के चला गया लेकिन एक नया व्यक्ति किसी और गाँव से उस व्यक्ति की जगह आया। उसके लिए ये गाँव एकदम नया था। उसने वो पेड़ देखा और उस पर चढ़ने ज्यूँ ही कोशिश की उन ९ बचे हुए लोगों ने उसे पीट डाला।
एक दिन एक और पुराना आदमी गाँव छोड़ गया और उसकी जगह फिर से एक नया आदमी गाँव में आया। उसने भी पेड़ पर चढ़ने का प्रयत्न किया और उससे पहले आये नए व्यक्ति समेत बाकी सबने उसे भी धुन दिया।
ये सिलसिला चलता रहा और एक दिन ऐसा आया जब सारे पुराने लोग गाँव छोड़ कर जा चुके थे और उनकी जगह सब के सब नए लोग थे। ये सब नए लोग हर उस व्यक्ति को पीटते थे जो पेड़ पर चढ़ने का प्रयास करता था बावजूद इसके कि ये लोग कभी भी उस बारिश का हिस्सा नहीं थे जो कि पहली बार आयी थी।
पहले १० लोगों ने कभी भी इन नए १० लोगों में से किसी को कभी भी नहीं बताया कि वो क्यों पेड़ में चढ़ने वाले व्यक्ति को मारते थे और न ही इन १० लोगों ने कभी इस बात को जानने का प्रयास ही किया कि वो भी क्यों मारते थे एक दुसरे को।
आज उस गाँव में २ हज़ार से ज्यादा लोग हैं और सबके सब किसी को भी उस पेड़ पर नहीं चढ़ने देते हैं और सबके सब मार खाए हुए हैं लेकिन कारण किसी को नहीं मालूम कि क्यों? बस भेद चाल पर देखा देखि पीट डालते थे उस व्यक्ति को जो पेड़ पर चढ़ने की कोशिह्स करता था।
बस मान्यताएं हैं धारणाएं हैं। कुछ ऐसा ही है मानव। अपनी दुनिया वो जैसा समझे वैसा ही बनाता है। आज उस गाँव का वो पेड़ तो गिर गया। लेकिन उसके बगल में उगे उस जंगल में जितने भी पेड़ हैं उस गाँव के लोग उन पेड़ों पर भी कभी नहीं चढ़ते।
क्यों???????कारण किसी को भी नहीं पता।
क्या आपको पता है????
नोट:- (अमेरिका में बंदरों पर हुए एक प्रयोग जिससे पता चला कि हम इंसान कैसे कुछ मान्यताओं को मानते हैं, से प्रेरित)
प्रथम घटना:(कुछ साल पहले, अार्यवृत देश के एक छोटे से गाँव में)
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एक गाँव था जहाँ १० लोग रहते थे। उस गाँव में एक पेड़ था। उन १० में से १ व्यक्ति ने पेड़ पर चढ़ने की कोशिश की तो अचानक से बिजली कड़की और बहुत तेज़ बारिश होने लगी। उनके जीवन में पहली बार बारिश हो रही थी। बारिश के दौरान ही बाकी ९ लोगों ने उस व्यक्ति को मारना शुरू कर दिया जो पेड़ पर चढ़ा था। और कुछ देर बाद बारिश रुक गयी। उनकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि हुआ क्या? क्यों बारिश हुई? क्यों रुक गयी? उस आदमी को इसीलिए मार क्यूंकि सिर्फ वही वो काम कर रहा था जो कि बाकी ९ लोगों से अलग था।
द्वितीय घटना:
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अब एक दिन एक और व्यक्ति ने उस पेड़ पर चढ़ने की कोशिश की। उसको चढ़ता देख प्रथम प्रयास करने वाले व्यक्ति ने जो कि तब से खुन्नस खाया हुआ था उसे धर दबोचा और मारने लगा उसकी देखा देखी बाकी लोग भी उसको मारने लगे। उन्हें डर था की कहीं इस बार भी बिजली न कड़के और कहीं बारिश ना हो।
तृतीय- दशम घटना:
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इस तरह से हर बार जब भी कोई पेड़ पर चढ़ने की कोशिह्स करता तो सब के सब मिल कर पेड़ पर चढ़ने वाले को धर दबोचते और बहुत ही बुरी तरह पिटाई करते। मजेदार बात ये थी कि हर कोई एक बार प्रयास जरूर करता था पेड़ पर चढ़ने की। लेकिन मार भी जरूर खाता था। उनका ये मानना था कि पेड़ पर चढ़ने से बिजली कड़कती है और बारिश होती है।
एकादश घटना:
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अब एक व्यक्ति वो गाँव छोड़ के चला गया लेकिन एक नया व्यक्ति किसी और गाँव से उस व्यक्ति की जगह आया। उसके लिए ये गाँव एकदम नया था। उसने वो पेड़ देखा और उस पर चढ़ने ज्यूँ ही कोशिश की उन ९ बचे हुए लोगों ने उसे पीट डाला।
एक दिन एक और पुराना आदमी गाँव छोड़ गया और उसकी जगह फिर से एक नया आदमी गाँव में आया। उसने भी पेड़ पर चढ़ने का प्रयत्न किया और उससे पहले आये नए व्यक्ति समेत बाकी सबने उसे भी धुन दिया।
ये सिलसिला चलता रहा और एक दिन ऐसा आया जब सारे पुराने लोग गाँव छोड़ कर जा चुके थे और उनकी जगह सब के सब नए लोग थे। ये सब नए लोग हर उस व्यक्ति को पीटते थे जो पेड़ पर चढ़ने का प्रयास करता था बावजूद इसके कि ये लोग कभी भी उस बारिश का हिस्सा नहीं थे जो कि पहली बार आयी थी।
पहले १० लोगों ने कभी भी इन नए १० लोगों में से किसी को कभी भी नहीं बताया कि वो क्यों पेड़ में चढ़ने वाले व्यक्ति को मारते थे और न ही इन १० लोगों ने कभी इस बात को जानने का प्रयास ही किया कि वो भी क्यों मारते थे एक दुसरे को।
आज उस गाँव में २ हज़ार से ज्यादा लोग हैं और सबके सब किसी को भी उस पेड़ पर नहीं चढ़ने देते हैं और सबके सब मार खाए हुए हैं लेकिन कारण किसी को नहीं मालूम कि क्यों? बस भेद चाल पर देखा देखि पीट डालते थे उस व्यक्ति को जो पेड़ पर चढ़ने की कोशिह्स करता था।
बस मान्यताएं हैं धारणाएं हैं। कुछ ऐसा ही है मानव। अपनी दुनिया वो जैसा समझे वैसा ही बनाता है। आज उस गाँव का वो पेड़ तो गिर गया। लेकिन उसके बगल में उगे उस जंगल में जितने भी पेड़ हैं उस गाँव के लोग उन पेड़ों पर भी कभी नहीं चढ़ते।
क्यों???????कारण किसी को भी नहीं पता।
क्या आपको पता है????
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नोट:- (अमेरिका में बंदरों पर हुए एक प्रयोग जिससे पता चला कि हम इंसान कैसे कुछ मान्यताओं को मानते हैं, से प्रेरित)
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