"चलो कम से कम साल में एक बार तो अपनी माँ को याद किया और 'आई लव यू मॉम !!!' कहती हुई स्टेटस से अपने FB को अपडेट किया। बहुत होता है जी साल में एक बार अपनी माँ को याद करना।
अब शर्मा जी को ही देखो कितना अच्छा स्टेटस अपडेट किया है फेसबुक पर, के 'भगवान हर जगह नहीं हो सकते इसीलिए तो माँ बनाई'।
आज मदर्स डे पर चीफ गेस्ट थे हमारी सोसाइटी में। बहुत ही अच्छा कहा उन्होंने माँ के बारे में, लोगों के तो आंसू आगये थे।"
"कौन शर्मा जी?" मैंने बड़ी ही असमंजसता भरी नज़रों से पुछा।
" अरे वही शर्मा जी यार!!! जिनके घर का नाम "मातृ कृपा" है"" कौन राम कुमार शर्मा जी?" मैंने पूछा।
"अरे यार!!! श्रवण कुमार शर्मा जी, अरे जिनका केस चल रहा है अपनी माँ से कुछ जायदाद पर। भूल गए क्या?""अच्छा वो जिन्होंने अपनी माँ को वृद्धाश्रम में रखा हुआ है। एक दिन पागल कह कर निकाल दिया था अपने घर से।"मुझे याद आ गया था।" हाँ वही ठीक पहचाना। तुम्हारी याददाश्त तो कमाल की है। बस इन शर्मा जी की ही कुछ खराब लगती है मुझे। क्या कहते हो? वैसे हैप्पी मदर्स डे !!! "
इस ब्लॉग में शामिल हैं मेरे यानी कि अतुल सती अक्स द्वारा रचित कवितायेँ, कहानियाँ, संस्मरण, विचार, चर्चा इत्यादि। जो भी कुछ मैं महसूस करता हूँ विभिन्न घटनाओं द्वारा, जो भी अनुभूती हैं उन्हें उकेरने का प्रयास करता हूँ। उत्तराखंड से होने की वजह से उत्तराखंडी भाषा खास तौर पर गढ़वाली भाषा का भी प्रयोग करता हूँ अपने इस ब्लॉग में। आप भी आन्नद लीजिये अक्स की बातें... का।
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गुरुवार, 28 मई 2015
लघु कथा 3 : हैप्पी मदर्स डे !!! ----अतुल सती 'अक्स'
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