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शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

यू जू गंगा- अनंतनाद


यू जू गंगा औंदी च तोळ, 
लौन्दी च माँ कू रैबार, 
ऎजा ऎजा बोढ़ी की घोर,
सूणू पड़यूँ घोर बार 

गौं अपरू छोड़ी, 
उंदरिओं ते दौड़ी, 
काटिलिन मिन अपरा जौड़
ना मी पहाड़ी ना  मी च देशी 
खुएदिन मिन अपरी पछाण 


पहाड़ !!! पहाड़ !!! पहाड़ !!! पहाड़ !!!
मेरु प्यारु पहाड़ !!!  


पहाड़ !!! पहाड़ !!! पहाड़ !!! पहाड़ !!!
मेरु प्यारु पहाड़ !!!  

हे मेरा लाटा!!!
गौ का यु बाटा,
यू उकाल उन्धार। 
सिखौंदा छाँ हमते,
बिंगोंदा छाँ हमते,
जीवन कु सरु सार!!!

पहाड़ !!! पहाड़ !!! पहाड़ !!! पहाड़ !!!
मेरु प्यारु पहाड़ !!!   



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