जिस दिन अपना इतिहास,
हम लोग जान जायेंगे,
किस तरह खुद से,
हम लोग,
अपनी नज़रें मिलाएंगे ?
सत्य उसी को मानते हैं,
जो हमें लगे है अच्छा,
जब सत्य सचमें हम जानेंगे,
तब बोलो,
कैसे अपना सत्य भुलायेंगे?
याद रखो अपना सच,
खोजो जानो समझो उसको,
भूलो मत जो कुछ भी हुआ,
अपने किये धरे का,
लेकिन माफ़ी माँगो,
और माफ़ी देदो,
नहीं तो ऊपर वाले को बोलो फिर,
क्या अपना मुख दिखाएंगे?
जिस दिन अपना इतिहास,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें