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गुरुवार, 24 सितंबर 2015

क्यों है?

















ये सिक्का खरा है तो वो खोटा क्यों है?
ये धागा रिश्ते का महीन,वो मोटा क्यों है?

सदा खामोश रह कर ही सुनता है वो तुझे, 
पर नज़रों में तुम्हारे ही वो झूठा क्यों है?

उम्र में बड़े लोग बड़े ही होते हैं अक्सर,
गर वो कद में छोटा है तो वो छोटा क्यों है?

लहू रिसने लगा है अश्कों की शक्ल में अब,
कोई ये न कहे इश्क में आंसू का टोटा क्यों है? 

बड़ी ही वफ़ादार कौम सुनी है मर्दों की 'अक्स',
गर ये सच है तो हर शहर में ये कोठा क्यों है?
                                    -अतुल सती '#अक्स'

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